भारतीय रेलवे बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क - Indian Railways to become world's largest green Railway Network


भारतीय रेलवे नए भारत की बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए पर्यावरण के अनुकूल, कुशल, लागत प्रभावी, समयबद्ध और आधुनिक वाहक होने के लिए  समग्र तौर पर प्रयास कर रहा है.


भारतीय रेलवे वर्ष, 2030 तक "शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन" (नेट जीरो कार्बन एमिशन) प्राप्त करके दुनिया का सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बनने की ओर अग्रसर हो रहा है.

भारतीय रेलवे ने विश्व पर्यावरण दिवस, 2021 के अवसर पर अपने एक बयान में यह कहा था कि, वह पूरी तरह से हरित पुनः शुरुआत (ग्रीन रीस्टार्ट) की ओर बढ़ रहा है.

भारतीय रेलवे वर्ष, 2030 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन कैसे प्राप्त करेगा?
भारतीय रेलवे ने निम्नलिखित चरणों का अनुसरण करने के माध्यम से वर्ष, 2030 तक "शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन" प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है:

रेल मार्गों का विद्युतीकरण
भारतीय रेलवे अपने मार्गों के बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण की योजना बना रहा है, क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है. रेलवे ने ब्रॉड गेज मार्गों के 100% विद्युतीकरण को प्राप्त करने के लिए दिसंबर, 2023 तक शेष ब्रॉड गेज (BG) मार्गों का विद्युतीकरण करने की योजना बनाई है.


जैव-शौचालय/ LED लाइट्स
भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को बनाए रखते हुए अपनी ट्रेनों को पर्यावरण के अनुकूल यात्रा साधन के तौर पर फिर से तैयार करने के लिए हेड-ऑन-जेनरेशन सिस्टम, बायो-टॉयलेट और LED लाइट्स लगाने की भी योजना बना रहा है.


कम कार्बन खपत वाला हरित परिवहन नेटवर्क
रेलवे समर्पित फ्रेट कॉरिडोर को कम कार्बन हरित परिवहन (ग्रीन ट्रांसपोर्ट) नेटवर्क के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि अधिक ऊर्जा कुशल और कार्बन-अनुकूल तकनीकों, प्रक्रियाओं और क्रियाकलापों  को अपनाया जा सके.

रेलवे की दो समर्पित फ्रेट कॉरिडोर परियोजनायें लागू

पूर्वी गलियारा (EDFC): लुधियाना से दानकुनी (1,875 किमी)
पश्चिमी गलियारा (WDFC): दादरी से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (1,506 किमी).
इसके अलावा, EDFC के सोननगर-दानकुनी (538 किमी) हिस्से को भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड पर निष्पादित करने की योजना बनाई गई है.

हरित प्रमाणपत्र
  • रेलवे नेटवर्क पर हरित पहल की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे और भारतीय उद्योग परिसंघ ने जुलाई, 2016 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और अब तक, 39 कार्यशालाओं, 07 उत्पादन इकाइयों, 08 लोको शेड्स और 01 स्टोर डिपो को 'ग्रीनको' प्रमाणित किया गया.
  •  इसके अलावा, पिछले दो वर्षों में 600 रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के ISO:14001 के कार्यान्वयन के लिए प्रमाणित किया गया है. इस प्रमाणन के लिए अब तक कुल 718 स्टेशनों की पहचान की गई है.



सौर ऊर्जा से संचालित स्टेशन
भारतीय रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना योगदान देने के लिए सौर ऊर्जा से संचालित  स्टेशन भी बनाए हैं.

भारतीय रेलवे अपने जोखिम आकलन में करेगा जलवायु परिवर्तन की विशेषताओं को शामिल
भारतीय रेलवे ने अपने जोखिम आकलन और आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल में जलवायु परिवर्तन की विशेषताओं को भी शामिल किया है.

पर्यावरण स्थिरता रिपोर्ट
यह रेलवे को जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजनाओं जैसी सरकारी प्रतिबद्धताओं का समर्थन करने में मदद करती है.

पृष्ठभूमि
भारतीय रेलवे नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए पर्यावरण के अनुकूल, कुशल, लागत प्रभावी, समयबद्ध और आधुनिक वाहक होने की समग्र रूप से प्रयास कर रहा है.

अप्रैल, 2021 और मई, 2021 के बीच भारतीय रेलवे ने लगभग 73 लाख टन खाद्यान्न गंतव्य तक पहुंचाया और 241 लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाईं, 922 लोडेड टैंकरों को गंतव्य स्थान तक ले  जाया गया, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में 15,046 टन ऑक्सीजन पहुंचाई गई.

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