इस अभियान के तहत राजकीय उच्च एवं तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं लगभग 16 लाख विद्यार्थियों को 'कोविड अनुकूल व्यवहार एवं टीकाकरण' का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों को मौजूदा COVID-19 महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए 'युवा शक्ति, कोरोना मुक्ति अभियान' शुरू किया है. यह युवा शक्ति अभियान की मदद से कोरोना से मुक्त होने का एक सशक्त प्रयास है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राज्य के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से यह अभियान चलाया गया है.
इस अभियान की तैयारी के लिए प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा अनुपम रंजन; सचिव, तकनीकी शिक्षा, मुकेश गुप्ता; राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और यूनिसेफ के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने सभी जिलों के प्रमुख कॉलेजों और पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रिंसिपल्स और जिला टीकाकरण अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से कोविड महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ‘युवा शक्ति कोरोना मुक्ति’ अभियान चलाया जाएगा।
युवा शक्ति, कोरोना मुक्ति अभियान: इस अभियान के तहत क्या शामिल है?
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के सरकारी महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं लगभग 16 लाख विद्यार्थियों को 'कोविड अनुकूल व्यवहार एवं टीकाकरण' का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन छात्रों के माध्यम से लोगों को इस अभियान के बारे में जागरूक किया जाएगा.
- इस लॉन्च किए गए अभियान के तहत, छोटे समूहों में विभिन्न कॉलेजों के छात्रों को COVID के अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी और विवरण दिया जाएगा.
- इस अभियान की प्रभावी रीयल-टाइम ऑनलाइन निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है. इस ऐप के माध्यम से 'युवा शक्ति, कोरोना मुक्ति' अभियान की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
मध्य प्रदेश में COVID-19 की स्थिति
यह राज्य अब कोरोना संक्रमण के मामले में हमारे देश में 26वें नंबर पर है. पिछले 24 घंटे में इस राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण के सिर्फ 274 मामले सामने आए हैं.
बीस जिलों में एक भी मामला सामने नहीं आया है और संक्रमण दो अंकों में सिर्फ इंदौर, भोपाल और जबलपुर में है. इस राज्य में रोजाना करीब 80,000 टेस्ट किए गए हैं और यहां ठीक होने की दर अब 98.3% हो गई है.
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