मनोग्रस्ति बाध्यता विकृति से आप क्या समझते हैं

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोगों को कई तरह की मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है, जिसमें से एक मनोग्रसित बाध्यता विकार यानि Obsessive Compulsive Disorder है। इसे आसान शब्दों में ओसीडी (OCD) कहा जाता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का अपने दिमाग पर काबू नहीं रहता है और वह बार बार एक ही चीज़ के बारे में सोचता रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस बीमारी में लोगों के दिमाग पर एक डर का साया हो जाता है, जिससे वह निकलने में सक्षम नहीं होता है।

         मनोग्रसित-बाध्यता विकार (Obsessive–compulsive disorder /OCD) एक तरह का चिन्ता विकार है। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति एक ही चीज की बार-बार जाँच करने की आवश्यकता अनुभव करता है, कुछ विशेष कामों को बार-बार करता है (जैसे बार-बार हाथ धोना), या कुछ विचार उसके मन में बार-बार आते हैं। अर्थात उस व्यक्ति में बाध्यताओं (कम्पल्सन्स) या मनोग्रस्तियों के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे अन्तर्वेधी (intrusive) विचार आते हैं जिनके कारण बेचैनी, डर, चिन्ता पैदा होती है।  

         इस विकार से ग्रसित व्यक्ति जो काम प्रायः करते हैं, वे ये हैं- बार-बार हाथ धोना, बार-बार वस्तुओं को गिनना, बार-बार जाकर देखना कि दरवाजा बन्द है कि नहीं। ये क्रियाएँ वह इतनी बार करता है कि उसका दैनिक जीवन ही प्रभावित होने लगता है। प्रायः दिन भर में इन कामों में वह कम से कम एक घण्टा तो खपा ही देता है। अधिकांध वयस्क लोगों को यह लगता भी है कि ऐसा व्यवहार का कोई मतलब नहीं है। 

मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के प्रकार और लक्षण : -

किसी भी रोग की पहचान करने के लिए सबसे पहले यह ज़रूरी हो जाता है कि उसके लक्षणों के बारे में जाना जाए, तो ऐसे में नीचे आपको मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है- 
  • एक ही चीज़ को बार बार सोचना
  • किसी बात को लेकर दिमाग में डर बैठ जाना
  • शरीर से बदबू का आना।
  • दिमाग में बुरे विचार का आना। 
  • एक ही काम को बार बार करना।
  • अपने आप को या किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाना।
  • अप्रिय घटनाओं का डर होना।
  • बार बार नहाने की लत लगना।
  • शारीरिक गतिविधियों को बार बार दोहराना, जैसे- उठना या बैठना।
अब बात ओसीडी यानि मनोग्रसित बाध्यता विकार के प्रकारों की करते हैं, जिनकी चर्चा निम्नलिखित है- 
  • बार-बार चेकिंग करना
  • भ्रम होना
  • बदबू आना
  • चीज़ों को जमा करना
  • डरावने विचार
उपरोक्त प्रकारों के अलावा ओसीडी के कई अन्य प्रकार भी हो सकते हैं, जिन्हें मरीज़ आसानी से महसूस कर सकते हैं।

मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के कारण और जोखिम

विशेषज्ञों की माने तो मनोग्रसित बाध्यता विकार के तयशुदा कारण नहीं होते हैं, बल्कि अलग अलग मरीज़ों में अलग अलग कारण देखने को मिलते हैं। ऐसे में, हम यहां आपको उन कारणों के बारे में बता रहे हैं, जो सामान्य तौर पर मरीज़ों में देखने को मिलते हैं – 
  • आनुवांशिक कारण- माना जाता है कि मनोग्रसित बाध्यता विकार आनुवांशिक कारण की वजह से भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके परिवार में किसी को यह रोग है, तो आपको होने की ज्यादा संभावना हो सकती है।
  • अप्रिय घटना- कई बार लोगों के मन में कोई अप्रिय घटना इतना ज्यादा असर कर जाती है कि उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है, जिसकी वजह से वे मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के शिकार हो सकते हैं।
  • तनावपूर्ण जीवन- अक्सर देखा जाता है कि मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के चपेट में वे लोग आते हैं, जिनके जीवन में तनाव ने जगह बना ली हो। दरअसल, जब कोई व्यक्ति तनाव ग्रस्त होता है, तो उसका अपने दिमाग पर काबू नहीं होता है।
  • उपरोक्त कारणों के अलावा भी मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) के कई अन्य कारण हो सकते हैं, जिसे आप आसानी से महसूस किया जा सकता है।

मनोग्रसित बाध्यता विकार (OCD) से ग्रसित व्यक्तियों को कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं होती है। ऐसे में अब हम आपको इसके जोखिमों के बारे में बताएंगे- 
  • डिप्रेशन का शिकार हो जाना।
  • बार बार हाथ धोने की वजह से चर्म रोग होना।
  • खुद को नुकसान पहुंचा लेना।
  • रिश्ते खराब हो जाना।
  • सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा न ले पाना।


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