रोपण कृषि से क्या समझते है - Plantation Agriculture

यूरोपीय लोगों ने विश्व के अनेक भागों का औपनिवेशीकरण किया तथा कृषि के कुछ अन्य रूपों की शुरुआत की जैसे रोपण कृषि , जो वृहद् स्तरीय लाभोन्मुख उत्पादन प्रणाली है । यूरोपीय उपनिवेशों ने अपने अधीन उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में चाय , कॉफी , कोको , रबड़ , कपास , गन्ना , केले एवं अनन्नास की पौध लगाई । 


इस कृषि की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है । इसमें अधिक पूँजी निवेश , उच्च प्रबंध एवं तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है । यह एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही सकेंद्रण किया जाता है । श्रमिक सस्ते मिल जाते हैं एवं यातायात विकसित होता है जिसके द्वारा बागान एवं बाज़ार सुचारु रूप से जुड़े रहते हैं । 

फ्रांसवासियों ने पश्चिमी अफ्रीका में कॉफी एवं कोकोजा की पौध लगाई थी । ब्रिटेनवासियों ने भारत एवं लंका में चाय के बाग , मलयेशिया में रबड़ के बाग एवं पश्चिमी द्वीप समूह में गन्ना एवं केले के बाग विकसित किए । स्पेन एवं अमेरिकावासियों ने फिलीपाइंस में नारियल व गन्ने के बागान लगाए । इंडोनेशिया में एक समय गन्ने की कृषि में हॉलैंडवासियों ( डचों ) का एकाधिकार था । ब्राजील में अभी भी कुछ कॉफी के बागान जिन्हें फेजेंडा कहा जाता है यूरोपवासियों के नियंत्रण में है । 

वर्तमान में अधिकतर बागानों का स्वामित्व देशों की सरकार अथवा नागरिकों के नियंत्रण में है ।

Post a Comment

Previous Post Next Post